नेपाल

नेपाल भारतीय उपमहाद्वीप में स्थित एक देश है, जो भारत और चीन के सीमा से घिरा हुआ है। इसमें विश्व के 10 सबसे बड़े पहाड़ों में से 8 बड़े पहाड़ मौजूद है। इसमें दुनिया का सबसे बड़ा पहाड़ माउंट एवरेस्ट भी है। यह बौद्ध धर्म के संस्थापक गौतम बुद्ध का जन्म स्थान है। वर्ष 2008 में नेपाल ने गणतंत्र देश होने की घोषणा की और राजशाही को समाप्त कर दिया।
परिचय
[सम्पादन]क्षेत्र
[सम्पादन]प्रशासन के लिए नेपाल को १४ भागों में बाँटा गया है। हालाँकि, यात्रा करने वालों की सुविधा के लिए ऊँचाई अनुसार और उत्तर से दक्षिण की ओर अलग-अलग इलाकों में एक आसान वर्गीकरण नीचे दिया जा रहा है:

हिमालय संसार का सबसे ऊँचा पर्वतीय क्षेत्र जहाँ सबसे ऊँचा पहाड़ माउंट एवरेस्ट मौजूद है। अन्य पहाड़ों में अन्नपूर्णा, मकालू और कंचनजंघा देखने लायक हैं। लांगतांग नेशनल पार्क और ग्रेट हिमालयी ट्रेल कुछ बहुत सुंदर प्राकृतिक देखने लायक जगहें के साथ और भी कई तरह के मनोरंजन और पर्यटन संबंधी अवसर उपलब्ध कराते हैं। |
काठमांडो घाटी काठमांडो , बौद्धनाथ पाटन और भक्तपुर जैसी बस्तियों और सुंदर उपत्यकाओं से सजी यह पहाड़ी घाटी कई पवित्र मंदिरों, दर्शनीय स्थलों और मनोरम दृश्यों को देखने का मौका उपलब्ध कराती है। |
बिचली पहाड़ियाँ 700 से 4,000 मीटर की ऊँचाई का यह "पहाड़" क्षेत्र तराई और हिमालय के बीच मौजूद है। पोखरा घाटी यहाँ का प्रमुख देखने लायक स्थान है जहाँ कई तरह के पर्यटन अवसर मौजूद हैं। |
पच्छिमी तराई सुन्दर पहाड़ी श्रेणियों के बीच स्थित चितवन राष्ट्रीय पार्क और बारीदा राष्ट्रीय पार्क यहाँ के प्रमुख आकर्षण हैं। |
पूरबी इलाके मनोरम दृश्यों और पर्याप्त आबादीयुक्त यह इलाका बिराटनगर जैसे शहर और अन्य कई दर्शनीय जगहों के कारण घूमने लायक है। |
मौसम
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नेपाल में चार प्रकार के मौसम होते हैं। मौसम में बदलाव के अनुसार वर्ष छह अलग-अलग ऋतुओं में बंटा होता है, जो क्रम से बसंत, ग्रीष्म, बरखा, शरद, हेमंत, और शिशिर है। यहाँ जून से सितम्बर तक मानसून के कारण भरी वर्षा होती है। वर्षा काठमांडू से हिमालय में थोड़ा अधिक होता है। मानसून की वर्षा मुख्यतः टुकड़ों में होती है और एक बार में दो से तीन दिन या कभी-कभी केवल एक या दो घंटे के लिए होती है। वर्षा से आसमान और रास्ते साफ हो जाते हैं और हवा ठंडी हो जाती है।
यहाँ अक्टूबर से दिसम्बर तक साफ और ठंडा मौसम होता है। मानसून के जाने के बाद यहाँ थोड़ी धूल बढ़ती है लेकिन यह पहाड़ी इलाके में जाने के लिए बहुत अच्छा मौसम होता है। जनवरी से मार्च तक यहाँ का तापमान बहुत कम रहता है और शीत का मौसम रहता है। काठमांडू में रात में तापमान 0°से॰ तक गिर जाता है। ऊपरी इलाके में ठंड बहुत अधिक हो जाती है। एवरेस्ट और कुछ पहाड़ी इलाके में शीत ऋतु में बहुत ठंड होती है और बर्फ भी गिरती है। इसके कारण समुद्र तल से चार से पाँच हजार मीटर तक की ऊंचाई से ऊपर के ईलाकों में बर्फ जम जाती है। यहाँ कुछ इलाकों में बर्फ तीन हजार मीटर से ही शुरू हो जाती है और तापमान -10°से॰ तक नीचे गिर जाता है।
अप्रैल से जून तक सूखा और गर्म मौसम रहता है। इस दौरान तापमान 40°से॰ को भी पार कर लेता है। कुछ जगहों जैसे काठमांडू आदि का तापमान 30°से॰ के आसपास रहता है।
भाषा
[सम्पादन]नेपाल की आधिकारिक भाषा नेपाली है, जो हिन्दी, पंजाबी और अन्य हिन्द-आर्य भाषाओं से मिलती जुलती है। इस भाषा को देवनागरी लिपि में लिखा जाता है। यहाँ बहुत से नेपाली लोग थोड़ा न थोड़ा नेपाली जानते ही हैं। यहाँ अधिक जनसंख्या की कोई और मातृ भाषा है। जैसे थारु, नेवारी, शेर्पा आदि।
यात्रा
[सम्पादन]क्या कर सकते हैं
[सम्पादन]वन विचरण
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यहाँ जंगल में चितवन राष्ट्रीय उद्यान में आपको हाथी की सवारी करने का और जंगल की सैर करने का मौका मिल सकता है। जिससे आप आसानी से प्रकृति के सौंदर्य को देख सकते हो और कई तरह के पक्षियों को भी देख सकते हैं। यहाँ इसके साथ बाघ आदि भी देखने को मिलते हैं। जंगल में कई सारे सुन्दर सरोवर भी हैं जिन्हें काफी लोग देखने आते हैं। कुछ पशु प्रजातियां हैं जो नेपाल के लिए अद्वितीय हैं, जैसे कि स्पाइनी बाबलर l
पीना
[सम्पादन]मदिरा:
- रक्सी एक प्रकार की बेरंग मदिरा है, अल्कोहल की मात्रा और तेजी के मामले में यह टकीला की समकक्ष है। आमतौर पर यह घरों में ही बनती है और इसी लिए इसके स्वाद और तेजी में विविधता भी पायी जाती है। कुछ विशेष अवसरों पर इसे चीनी मिट्टी के प्यालों में सर्व किया जाता है जिसमे एक घूँट से भी कम मात्रा होती है। यह फलों के जूस के साथ भी ली जा सकती है। बार में यह "नेपाली शराब" के नाम से मेनू में दर्ज होती है।
- जाँड (नेपाली) अथवा चयांग (तिब्बती) धुँधले रंग की कम अल्कोहल वाली मदिरा है जिसे "नेपाली बियर" भी कहा जाता है। ज्यादातर चावल से बनाई जाती है, विशेष रूप से नेवारी संस्कृति में। रक्सी की तुलना में यह हलकी होती है पर नशा जरूर करती है। नेपाली लोग इसे अपने मेहमानों को प्रस्तुत करते हैं। पीने के लिए इसे पानी मिला कर हल्का किया जाता है।
- बियर यहाँ तेजी से प्रचलित हुई है और यह उद्योग तेजी से आगे बढ़ रहा है। यहाँ लगभग सभी अन्तर्राष्ट्रीय ब्रांड की बियर मिल जायेंगी और साथ ही कुछ स्थानीय ब्रांड भी। एवरेस्ट और गोरखा यहाँ की स्थानीय बियर हैं जो काफी प्रचलित हैं।
- काकटेल आपको काठमांडो और पोखरा जैसे शहरों में आसानी से उपलब्ध हो सकती हैं।
देखना
[सम्पादन]माउंट एवरेस्ट
[सम्पादन]दुनिया का सबसे ऊंचा पर्वत संभवतः नेपाल का सबसे प्रसिद्ध स्थल है, और देश का अधिकांश भाग बहुत ऊंचे पर्वतों से बना है। यूनेस्को की विभिन्न साइटों को 2015 के भूकंप से गंभीर (और कुछ मामलों में अपूरणीय) क्षति हुई है। यह उम्मीद न करें कि सभी सूचीबद्ध साइटें आगंतुकों के लिए खुली होंगी। नेपाल में चार यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल हैं:
काठमांडू
[सम्पादन]नेपाल की राजधानी, काठमांडू अपने समृद्ध इतिहास और सांस्कृतिक विरासत के लिए प्रसिद्ध है। यहां आप दरबार स्क्वायर, स्वयंभूनाथ मंदिर (मंकी टेम्पल), और पशुपतिनाथ मंदिर जैसे प्रसिद्ध स्थलों का दौरा कर सकते हैं.काठमांडू घाटी, जिसमें राजधानी के साथ-साथ भक्तपुर और पाटन शहर भी शामिल हैं। सागरमाथा राष्ट्रीय उद्यान। लुम्बिनीचितवन राष्ट्रीय उद्यान। लुम्बिनी, बुद्ध की जन्मस्थली।
पोखरा
[सम्पादन]पोखरा झील, फ़ेवा झील, और हिमालय के मनोरम दृश्यों के लिए प्रसिद्ध है। यहां आप साहसिक गतिविधियों जैसे कि पैरामोटरिंग, बंजी जंपिंग, और पैराग्लाइडिंग का आनंद ले सकते है l
सतलोक आश्रम धनुषा नेपाल
[सम्पादन]नेपाल के मधेश प्रदेश के धनुषा जिला मिथिला नगरपालिका वार्ड नं 2 बेलाचापी मे स्थित सतलोक आश्रम धनुषा अपने नजदीकी मार्केट महेन्द्रनगर से करीब 1 कि.मी. कि दुरी पर स्थित है। यह आश्रम ढल्केबर-जनकपुर राजमार्ग पर महेन्द्रनगर पुल से उत्तर की तरफ करीब 700 मीटर पश्चिम बटेश्वर रोड मे कृषि अनुसन्धान केन्द्र के पुर्वी ओर में अवस्थित है। इस आश्रम का पुरा क्षेत्रफल करीब 7.5 एकड है। आश्रम में एक हजार व्यक्ति एक साथ बैठ कर सत्संग सुन सकते है। आश्रम में तीन हजार भक्त मिलकर एक साथ भंडारा कर सकते है। आश्रम में बिजली पानी की व्यवस्था है। आश्रम में महिला और पुरुषों के लिए शौचालय और स्नान घर की अलग - अलग व्यवस्था है।
चितवन राष्ट्रीय उद्यान
[सम्पादन]नेपाल का पहला राष्ट्रीय उद्यान है। ये उद्यान 1973 में स्थापित किया गया था और 1984 में इसे विश्व धरोहर स्थल का दर्जा दिया गया था। उद्यान 952.63 कि॰मी2 (367.81 वर्ग मील) (367.81 वर्ग मील) को कवर करता है और नवलपुर, पर्सा, चितवन और मकवानपुर जिलों में दक्षिण-मध्य नेपाल के उपोष्णकटिबंधीय भीतरी तराई क्षेत्रों में स्थित है |